हमेशा गोल्ड ग्रीन हाइब्रिड उच्च गुणवत्ता युक्त पौधों का ही रोपण करें।

पपीता FC-75 की ही खेती क्यों की जाऐ?

  • जर्म प्लाज्म की शुद्धता को परखने के बाद पौधों को स्वीकृत किया जाता है।

  • यह ऐसे बीजों का चुनाव करके तैयार किया जाता है इसमें नर प्रजाति बहुत कम पायी जाती है।

  • इसका तना अन्दर से बिलकुल ठोस होता है। जिससे तेज हवाओं तथा आँधी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

  • यह रोपण के 5 से 7 महीने बाद ही फल देना शुरू कर देता है तथा 5 साल तक लगातार पैदावार देता रहता है।

  • पपीते का मुख्य उपयोग मुरब्बा तथा खाने हेतु अधिक उपयोग में लाया जाता है।

  • पपीते का मुरब्बे में अधिक उपयोग होने तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार होने से मांग व मूल्यों में दिनों-दिन बढ़ोत्तरी होती जा रही है।

  • एक एकड़ में एक बार पपीते के पौधे लगाकर बडे़ पैमाने में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर
    सकते हैं। जैसे एक एकड़ से 11 से 13 लाख रूपये।

teak
pap

© Copyright 2008-12 Sri Gold Green Bio. All rights reserved. Designed, and Promoted by N.S.Websolution